जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 के अनुसार, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड)/निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) में स्थित इकाइयों द्वारा देश में जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, उनके द्वारा निर्यात के लिए जैव ईंधन के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का आयात किया जाता है, जिसे बिना किसी प्रतिबंध के अनुमति दी गई।
'भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण के लिए रोडमैप 2020-25' पर विस्तृत रिपोर्ट 2025-26 तक भारत में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 के लिए उपरोक्त रोडमैप में निर्धारित 10% इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अधिसूचना के माध्यम से "परिवहन उद्देश्यों के लिए उच्च गति डीजल के साथ मिश्रण के लिए बायोडीजल की बिक्री के लिए दिशानिर्देश-2019" जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों के खंड 'x' के अनुसार, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकार के अधिकारियों के पास बायोडीजल बेचने वाली खुदरा दुकानों का नियमित निरीक्षण करने की शक्ति होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहकों को बायोडीजल सही गुणवत्ता और मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को बायोडीजल के नाम पर अनधिकृत उत्पाद की बिक्री के मामले को देखने और इस खतरे को रोकने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए लिखा है। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को बीआईएस विनिर्देशों के अनुसार मिश्रित जैव ईंधन बेचने का निर्देश दिया है।