- मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (NAPS) के माध्यम से अप्रैल 2019 में निकलने वाले सामान्य स्नातकों को उद्योग शिक्षुता के अवसर प्रदान करने के लिए शिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षा युवाओं के लिए योजना (श्रेयस) शुरू की है।
- उद्देश्य: 'ऑन द जॉब वर्क एक्सपोजर' और वजीफा की कमाई प्रदान करके भारतीय युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाना।
- श्रेयस एक कार्यक्रम टोकरी है जिसमें तीन केंद्रीय मंत्रालयों, अर्थात् मानव संसाधन विकास मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और श्रम और रोजगार मंत्रालय अर्थात राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (NAPS), राष्ट्रीय कैरियर सेवा (NCS) की पहल और उच्च शिक्षण संस्थानों में बीए/बीएससी/बीकॉम (व्यावसायिक) पाठ्यक्रमों की शुरूआत शामिल हैं।
- श्रेयस मुख्य रूप से गैर-तकनीकी डिग्री पाठ्यक्रमों में छात्रों के लिए तैयार किया गया एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य उनकी शिक्षा में रोजगारपरक कौशल को शामिल करना, शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में प्रशिक्षुता को बढ़ावा देना और सरकार के रोजगार को बढ़ावा देने वाले प्रयासों को शिक्षा प्रणाली में शामिल करना है ताकि स्पष्ट रास्ते तैयार किए जा सकें। इसमें स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान और उसके बाद छात्रों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।
उद्देश्य:
- उच्च शिक्षा प्रणाली की सीखने की प्रक्रिया में रोजगार प्रासंगिकता को शामिल करके छात्रों की रोजगार क्षमता में सुधार करना।
- स्थायी आधार पर शिक्षा और उद्योग/सेवा क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ कार्यात्मक संबंध बनाना।
- छात्रों को गतिशील तरीके से वे कौशल प्रदान करना जिनकी मांग है।
- उच्च शिक्षा में 'सीखते समय कमाओ' प्रणाली स्थापित करना।
- व्यवसाय/उद्योग को अच्छी गुणवत्ता वाली जनशक्ति हासिल करने में मदद करना।
- सरकार के प्रयासों को सुविधाजनक बनाते हुए छात्र समुदाय को रोजगार से जोड़ना।
कार्यान्वयन:
- प्राथमिक योजना राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (NAPS) के संयोजन में संचालित की जाएगी जो प्रत्येक व्यवसाय/उद्योग में कुल कार्यबल के 10% तक प्रशिक्षुओं को रखने का प्रावधान करती है।
- यह योजना सेक्टर कौशल परिषदों द्वारा कार्यान्वित की जाएगी, शुरुआत में बैंकिंग वित्त बीमा सेवाएं (बीएफएसआई), खुदरा, स्वास्थ्य देखभाल, दूरसंचार, रसद, मीडिया, प्रबंधन सेवाएं, आईटीईएस और परिधान। उभरती प्रशिक्षुता मांग और पाठ्यक्रम समायोजन के साथ समय के साथ और अधिक क्षेत्र जोड़े जाएंगे।
महत्व:
- श्रेयस डिग्री छात्रों को अधिक कुशल, सक्षम, रोजगारपरक और हमारी अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए कौशल के साथ शिक्षा में एक बड़ा प्रयास होगा ताकि वे देश की प्रगति में योगदान दे सकें और लाभकारी रोजगार भी प्राप्त कर सकें।