जीवंत ग्राम कार्यक्रम

सरकार ने अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से लगे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में चयनित गांवों के व्यापक विकास के लिए 15 फरवरी, 2023 को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम) को मंजूरी दे दी है।

कार्यक्रम में पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत, कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और कृषि/बागवानी, औषधीय पौधों/जड़ी-बूटियों की खेती आदि सहित सहकारी समितियों के विकास के माध्यम से आजीविका सृजन के अवसर पैदा करने के लिए चयनित गांवों में हस्तक्षेप के केंद्रित क्षेत्रों की परिकल्पना की गई है। इसमें असंबद्ध गांवों को सड़क कनेक्टिविटी, आवास और गांव के बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा सहित ऊर्जा, टेलीविजन और दूरसंचार कनेक्टिविटी प्रदान करना भी शामिल है। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को चयनित गांवों में रहने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन देना है।

0-10 कि.मी. की दूरी पर स्थित सभी जनगणना गांवों/कस्बों, अर्ध शहरी और शहरी क्षेत्रों में। भूमि सीमा से सटे 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर पहली बस्ती से दूरी (हवाई दूरी), सड़क और पुल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, खेल, पेयजल से संबंधित आवश्यक बुनियादी ढांचे में पहचाने गए अंतराल के लिए कार्य/परियोजनाएं। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) के तहत स्वच्छता, आंगनवाड़ी, सामुदायिक केंद्र, लघु उद्योग आदि को मंजूरी दी गई है।

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और लाहुल और स्पीति जिलों में उत्तरी सीमा से सटे ब्लॉकों के चुनिंदा गांवों को वीवीपी के तहत कवर किया गया है। चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में उत्तरी सीमा से सटे ब्लॉकों के चुनिंदा गांवों को भी जीवंत ग्राम कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है।

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