ग्रामोद्योग विकास योजना (GVY) भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है। यह योजना 1957 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना, गरीबी कम करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
GVY के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के लघु उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इनमें कृषि आधारित उद्योग, हस्तशिल्प, बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य उद्योग शामिल हैं।
GVY के तहत विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें शामिल हैं:
ऋण: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों को ऋण प्रदान करती है। ये ऋण कम ब्याज दरों पर उपलब्ध कराये जाते हैं।
अनुदान: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों को अनुदान भी प्रदान करती है। इन अनुदानों का उपयोग उद्योगों को शुरू करने या विस्तार करने के लिए किया जा सकता है।
तकनीकी सहायता: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों को तकनीकी सहायता भी प्रदान करती है। यह सहायता उद्योगों को बेहतर बनाने और अधिक उत्पादक बनने में मदद करती है।
GVY ने ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोजगार प्रदान किया है और गरीबी कम करने में मदद की है।
GVY के लाभ:
Ø यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करता है।
Ø यह गरीबी को कम करने में मदद करता है।
Ø इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
Ø यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देता है।
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