Ø सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 'भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022' पर वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (APRAD) आधारित परियोजना के तहत एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) द्वारा प्रदान किए गए मानकीकृत प्रारूपों… Read More
भारत में रेलवे सुरक्षा:
भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है। जहाँ रेलवे परिवहन के लिए जीवन रेखा के रूप में कार्य करता है, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चुनौतियाँ: पुराना बुनियादी ढाँचा,… Read More
प्रसंग: हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से हिमालय के पारिस्थितिक स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए कोई रास्ता सुझाने को कहा है।
हिमालय के पारिस्थितिक स्वास्थ्य का महत्व:
हिमालयी वन परिदृश्य अपने निवासियों और डाउनस्ट्रीम समुदायों के लिए वस्तुओं और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की… Read More
यह विचार सर्वप्रथम 1919 में सर आर्थर कॉटन द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस विचार पर 1960 में केएल राव ने फिर से विचार किया, जिन्होंने गंगा और कावेरी नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव दिया था।
राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) की स्थापना 1982 में पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा की गई थी। 1982 में… Read More
Ø परियोजना का लक्ष्य त्रिपुरा के इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग क्षेत्रों में स्नातक छात्रों को नए करियर और व्यक्तिगत विकास की संभावनाएं प्रदान करना है। यह परियोजना डेलॉइट इंडिया और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT), अगरतला के सहयोग से शुरू की गई थी और इसे संघीय… Read More
ए-हेल्प (पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) कार्यक्रम केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक पहल है।
2023 में लॉन्च किया गया।
उद्देश्य: महिलाओं को सशक्त बनाना और ग्रामीण भारत में पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार… Read More
आवश्यकता क्यों?
भारत की पर्यावरणीय समस्याओं के लिए महज ग्लोबल वार्मिंग को उत्तरदायी मान लेना बिल्कुल गलत होगा। उत्तर भारतीय शहरों में तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण, अनियोजित सड़कों व बांधों की वजह से हिमालय क्षेत्र में मची तबाही, भूजल का ज्यादा उपयोग, मिट्टी में रसायनों का बढ़ता असर, जैव विविधता की… Read More