श्रम संसार पहले ही रोबोट से त्रस्त था। रोबोट द्वारा अधिकाधिक कार्य जैसे असेंबली लाइन पर कारों का निर्माण किया ही जा रहा था। अब कंप्यूटर द्वारा बौद्धिक कार्यों को भी किया जाने लगा है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI कहते हैं। जैसे यदि आपको कोर्ट में कोई मामला दायर करना हो तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम से आप जान सकते हैं कि उसी संबंध में कौन से पूर्व निर्णय दिए गए हैं। पूर्व में यह काम वकीलों द्वारा किया जाता था। अब एक सॉफ्टवेयर द्वारा किया जा सकता है।
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Effect of Robotisation / AI
- रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सीधा प्रभाव है कि श्रमिक की जरूरत कम होगी और रोजगार घटेंगे
- लेकिन दूसरी ओर इन तकनीकों से रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। जैसे कंप्यूटर के माध्यम से ई-कॉमर्स को बढ़ावा मिला है। छोटे किराना दुकानदार भी इंटरनेट के जरिए ग्राहकों से ऑर्डर लेकर उनके घर पर माल पहुंचा रहे हैं। उनका कारोबार बढ़ा है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से विधिक शोध करने से ज्यादा संख्या में मामले दायर किए जा सकेंगे, जिन्हें निपटाने के लिए ज्यादा वकीलों की जरूरत पड़ेगी। तमाम रोगों की पहचान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा की जा सकती है जिससे उपचार सही होगा, मनुष्य की आयु बढ़ेगी और उसके द्वारा बाजार से अधिक माल की खपत की जाएगी।
- दूसरे कुछ कार्य हैं, जिन्हें कंप्यूटर, रोबोट या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा किया जाना लगभग असंभव है। जैसे बीमार का उपचार करने हेतु नर्स, छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए नर्सरी टीचर और बगीचे को संभालने के लिए माली। इस प्रकार के कार्यों में रोजगार के विस्तार की पूरी संभावना है, क्योंकि रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कुल आय बढ़ेगी व बाजार में इन सेवाओं की मांग बढ़ेगी।
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आय बढ़ने के बाद भी रोटी तो पूर्ववत उतनी ही खाई जाती है, लेकिन ब्यूटीशियन, नर्सरी टीचर, गेम्स टीचर आदि सेवाओं की खपत ज्यादा बढ़ी है। इस प्रकार रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दो विपरीत प्रभाव हमारे सामने आते हैं। एक ओर सीधे रोजगार का हनन तो दूसरी ओर नए क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि। जानकारों के बीच सहमति नहीं है कि इन दोनों में से कौन सा प्रभाव ज्यादा कारगर होगा।
Some Facts
- एक अध्ययन के अनुसार 48 प्रतिशत जानकार मानते हैं कि रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जबकि 52 प्रतिशत मानते हैं कि रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- इस अनिश्चितता के बीच ही हमें रास्ता बनाना है। हम रोबोट तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रोजगार के हनन को रोक नहीं सकेंगे। हम यह कर सकते हैं कि जिन क्षेत्रों में नए रोजगार बनने की संभावना है, उन्हें बढ़ावा दें जिससे जितने रोजगार घटें, उससे ज्यादा रोजगार हम पैदा कर सकें।
- एक अध्ययन के अनुसार चीन में 65 प्रतिशत लोग नई तकनीक आने से आशान्वित हैं। उन्हें भरोसा है कि आखिरकार उनके रोजगार बढ़ेंगे, लेकिन विश्व स्तर पर केवल 29 प्रतिशत लोग ही ऐसी आशा रखते हैं। यानी दुनिया की तुलना में चीन के लोग नई तकनीक के प्रति अधिक आशान्वित हैं। हमारे सामने चुनौती है कि हम अपने लोगों का भी इन तकनीकों के सार्थक पक्ष की ओर ध्यान दिलाएं, जिससे रोजगार हनन के बारे में चिंता करने के स्थान पर हमारे युवा नए क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित कर सकें। नर्सरी टीचर और माली जैसे सेवा क्षेत्र के रोजगार बढ़ेंगे। ऑनलाइन ट्यूशन और ऑनलाइन मेडिकल जांच में तमाम संभावनाएं उत्पन्न् होंगी। अत: सरकार को चाहिए कि अपने देश के युवाओं को फ्री वाईफाई उपलब्ध कराए और इन्हें इन नए क्षेत्रों के प्रति मोड़े।
रोबोट तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दूसरा प्रभाव है कि उतने ही माल का उत्पादन करने के लिए अब कम श्रम की जरूरत पड़ेगी। जैसे पूर्व में किसी कार फैक्ट्री में हजार श्रमिक थे तो अब उनकी संख्या मात्र दो सौ रह जाएगी। यही बात हर एक उद्योग पर लागू होगी। मनुष्य की जरूरत के सामान का उत्पादन करने के लिए कुल श्रम की जरूरत घटेगी। अब यह जरूरी नहीं रह जाएगा कि हर व्यक्ति श्रम करे। अभी तक हम यह मानते हैं कि हर व्यक्ति को रोजगार कर अपनी जीविका चलानी चाहिए और हमारा प्रयास उनके लिए पर्याप्त संख्या में रोजगार बनाने का है, लेकिन जब अर्थव्यवस्था में श्रम की जरूरत ही घट रही है तो रोजगार की संख्या को बढ़ाना लगभग असंभव होगा।
आने वाला समय सर्वथा अलग तरीके का होगा। रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से श्रम का परिमाण घटेगा और देश के लिए जरूरी उत्पादन कम श्रमिकों द्वारा भी किया जा सकेगा। इस नई परिस्थिति को सही दिशा देने हेतु हमें तत्काल दो-तीन काम करने चाहिए। पहला यह कि विनिर्माण से रोजगार के अवसर सृजित करने के स्थान पर सेवा क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए, जिसका विस्तार होगा। दूसरे, पूरे देश में फ्री वाईफाई उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे इंटरनेट के माध्यम से युवा लोग विश्व बाजार में दखल दे सकें। तीसरे, रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर टैक्स लगाकर हर व्यक्ति को एक मूल रकम उपलब्ध करा देनी चाहिए, जिससे वह अपनी प्रतिभा को मनवांछित दिशा में लगा सके।
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