DAINIK JAGRAN 5th APRIL
1. प्रत्याशी को एक सीट से ही चुनाव लड़ने की हो इजाजत: निर्वाचन आयोग (pg-1)
उपयोग : PAPER II चुनाव सुधार
Ø सुप्रीम कोर्ट में दिए गए अपने हलफनामे में चुनाव आयोग ने ‘एक उम्मीदवार, एक सीट’ के सुझाव का समर्थन किया है। आयोग कानून मंत्रलय को अपनी सिफारिश में पहले ही कह चुका है कि एक प्रत्याशी को दो सीटों से चुनाव लड़ने की छूट नहीं होनी चाहिए।
Ø दो जगह से चुनाव लड़कर एक सीट छोड़ देना मतदाताओं के साथ अन्याय है। इससे देश पर आर्थिक बोझ पड़ता है। इतना ही नहीं आयोग ने सुझाव दिया है कि सीट छोड़ने वाले व्यक्ति से दोबारा होने वाले चुनाव का खर्च वसूला जाना चाहिए। यदि सरकार इस प्रावधान को बनाए ही रखना चाहती है, तो उप चुनाव का खर्च सीट छोड़ने वाले उम्मीदवार पर डाल दिया जाना चाहिए।
Ø प्रत्याशी एक सीट दो : 1996 में जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 में संशोधन कर एक प्रत्याशी को अधिकतम दो सीटों पर चुनाव लड़ने की छूट दी गई। इसके पहले कोई भी व्यक्ति कितनी ही सीटों पर चुनाव लड़ सकता था। ऐसा विभिन्न दलों के बड़े नेता सुरक्षा के लिहाज से करते थे। हालांकि, इस फेर में कई बार चुनाव आयोग पर उप चुनाव कराने का दबाव आ जाता था।
Ø 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रति सीट चुनाव खर्च करीब 2 से 3 करोड़ था। 2014 में ये बढ़कर पांच करोड़ रुपये हो गया। उप चुनाव का खर्च आम चुनाव से कहीं ज्यादा होता है
2. राज्यसभा एक दिन में 11 बार स्थगित (Pg-1)
उपयोग : PAPER II संसद पतन
3. यूएन की सूची में पाक के 139 आतंकी (Pg-1)
उपयोग PAPER II & Paper III
4. भारतीय यूजर्स नहीं पाएंगे ईयू जैसी डाटा सुरक्षा (Pg-1)
उपयोग PAPER II(MAINS ) & PAPER III (Internal Security)
Ø डाटा लीक होने से निशाने पर आई सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक भारतीयों समेत दुनिया के अन्य देशों के यूजर्स को यूरोपीय यूनियन (ईयू) जैसी सख्त डाटा सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी। फेसबुक के सह-संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, वह डाटा की प्राइवेसी (निजता) पर ईयू के नए सख्त कानून से सहमत तो हैं लेकिन इसे दुनिया भर में मानक के तौर पर अमल करने से हिचक रहे हैं।
Ø क्या है यूरोपीय यूनियन कानून : यूरोपीय कानून को जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) के तौर पर जाना जाता है। इसे 25 मई से प्रभावी किया जाएगा। इंटरनेट की शुरुआत के बाद ऑनलाइन प्राइवेसी के लिए यह सबसे प्रभावी कानून बताया जा रहा है। इसमें यूरोपीय यूजर्स को सोशल मीडिया के पास अपने डाटा को जानने और हटाने का अधिकार मिलेगा। जीडीपीआर का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है। एप्पल भी ईयू की तर्ज पर देगा अधिकार : मोबाइल कंपनी एप्पल का कहना है कि वह अमेरिका और दुनिया के दूसरे देशों में लोगों को उसी तरह की सुरक्षा और अधिकार देने की योजना बना रही है जिस तरह यूरोपीय लोगों को मिलने जा रहा है
5. हमारे हर काम की न्यायिक समीक्षा न हो: केंद्र (Pg-1)
उपयोग PAPER II (MAINS ) न्यायिक सक्रियता
6. हिन्द -प्रशांत महासागर में चीन के सामने भारत-अमेरिका-जापान (pg-3)
उपयोग PAPER II: International Relation (MAINS )
7. जल्द आ सकती है डाटा प्रोटेक्शन पर रिपोर्ट (Pg-3)
उपयोग PAPER II: PRELIMS
Ø श्रीकृष्ण समिति की रिपोर्ट
8. झुकी एमसीआइ, निजी मेडिकल कालेजों में जारी रहेगा कोटा (Pg-4)
उपयोग PAPER II: HEALTH (MAINS )
9. राजस्थान के आइपीएस अधिकारी को सरकार ने दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति (pg-5)
उपयोग PAPER IV: नैतिकता (MAINS )
10. घाटी में अल-कायदा और आइएस के बीच होड़, एजेंसियां सतर्क (pg-6)
उपयोग PAPER III: आतंरिक सुरक्षा (MAINS )
11. प्यास बुझाने चट्टानों को तोड़ रहे ग्रामीण (pg-6)
उपयोग PAPER I (भूगोल ) & PAPER III (आपदा
12. भागीरथी नदी को बना दिया डंपिंग जोन (pg-6)
उपयोग PAPER III पर्यावरण (MAINS )
13. मजबूरी में किया जाता है पैलेट गन का प्रयोग: एडीजी (pg-7)
उपयोग PAPER III: आतंरिक सुरक्षा (MAINS )
14. अतुल्य भारत अभियान के जरिये कुंभ की दुनिया भर में ब्रांडिंग (Pg-7)
PRELIMS: अतुल्य भारत
15. न चलने वाली संसद (Pg-8)
PAPER II:लोकतंत्र (MAINS )
Ø भारत सरीखे बहुदलीय लोकतंत्र में संसद में थोड़ा-बहुत हंगामा और गतिरोध होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर संसद चलेगी ही नहीं तो फिर वह अपनी महत्ता खोने का काम करेगी। यदि संसद देश के समक्ष उपस्थित ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा और जरूरी विधेयकों पर बहस नहीं कर सकती तो फिर उसे लोकतंत्र का मंदिर अथवा जन आकांक्षाओं का मंच बताने का क्या मतलब? आखिर ऐसी संसद अपनी गरिमा की रक्षा कैसे कर सकती है जिसमें कोई काम ही न हो सके?
Ø संसद की कार्यवाही में गिरावट कोई आज की समस्या नहीं है, लेकिन यह देखना दयनीय है कि सांसद किसी मसले पर विरोध जताने केलिए संसद की छत पर चढ़ जाएं अथवा शपथ ग्रहण के तत्काल बाद पीठासीन अधिकारी के समक्ष हंगामा करने पहुंच जाएं। हम सब इससे अवगत ही हैं कि संसद में किस तरह सुनियोजित तरीके से नारेबाजी करने और तख्तियां-बैनर लहराने का काम होने लगा है
Ø इसमें दोराय नहीं कि संसद चलाने की जिम्मेदारी सत्तापक्ष की है और इस जिम्मेदारी के निर्वाह के लिए विपक्ष की मांगों के प्रति लचीला रवैया आवश्यक है, लेकिन तब कुछ नहीं हो सकता जब विपक्ष असहयोग पर अड़ जाए। इसका कोई मतलब नहीं कि पक्ष-विपक्ष के कुछ नेता संसद न चलने के कारण अफसोस प्रकट कर रहे हैं, क्योंकि अब आवश्यकता इसकी है कि सदन चलाने के कुछ नए तौर-तरीके तय किए जाएं और जरूरत पड़ने पर उन्हें कानूनी रूप भी दिया जाए।
Ø ऐसा इसलिए, क्योंकि विधायी सदनों की कार्यवाही के संदर्भ में जो आचार संहिता अथवा परंपरा है उसकी धज्जियां उड़ चुकी है। यह वक्त की मांग है कि ऐसे नियम बनें जिसके तहत विधेयकों पर बहस के लिए अलग से समय तय किया जाए और इस दौरान हंगामा निषेध हो। इसी तरह किसी मसले पर दो-तीन से ज्यादा बार सदन स्थगित न करने का नियम बने। यदि गतिरोध इस पर हो कि बहस किस नियम के तहत हो तो आम सहमति बनाने की अवधि तय की जाए और फिर भी सहमति न बने तो किसी अन्य खास नियम के तहत बहस अनिवार्य की जाए। इस मामले में दुनिया के श्रेष्ठ लोकतांत्रिक देशों से सबक सीखा जा सकता है। वैसे भी यह किसी से छिपा नहीं कि हम सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भले ही हों, लेकिन बेहतर नहीं हैं
16 डाटा चोरी और फेक न्यूज का मकड़जाल (pg-8)
उपयोग : PAPER I समाज PAPER PAPER II लोकतंत्र III आतंरिक सुरक्षा
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17. अपना अर्थ खोते आंदोलन (pg-8)
उपयोग : Essay
18. सिर्फ बाजार नहीं हैं हम (pg-9)
PAPER III भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना (MAINS)
19. रियल टाइम में पूरी होगी दिवालिया प्रक्रिया (pg-10)
PRELIMS: IBBI
20. नए रूप में होगा बैंकिंग बोर्ड ब्यूरो (pg-10)
PRELIMS: क्या है बैंकिंग बोर्ड ब्यूरो
21. अमेरिका-चीन के बीच गहराया ट्रेड वार (pg-10)
MAINS: PAPER II
22. दाम के चलते फंसा एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सौदा