हर पिता के भीतर एक नेहरू हो सकते हैं और हर बेटी में एक इंदिरा, बशर्ते कि वे आपस में दोस्त हों
14 नवंबर, 1969 को अपने पिता के 80वें जन्मदिन पर किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इंदिरा ने कहा था- ‘जवाहरलाल नेहरू को मैं एक पिता और एक नेता के साथ-साथ एक दोस्त के रूप में भी जानती थी.’ किसी भी… Read More
महात्मा गांधी कैसा रामराज्य चाहते थे?
भारत में ‘रामराज्य’ शब्द के अर्थ को लेकर कई भ्रांतियां रही हैं. कई विद्वान इस शब्द के प्रयोग से बचते रहे हैं. लेकिन अब जबकि इस शब्द के अर्थ का नए सिरे से राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है और इसके एक संकीर्ण अर्थ को राजनीतिक रूप से स्थापित करने की अज्ञानतापूर्ण कोशिश… Read More
दारा शुकोह का बहुविध व्यक्तित्व
दारा शुकोह शाहजहां के पुत्र थे और माना जाता था कि अपने पिता के बाद वही मुगल सल्तनत की बागडोर संभालेंगे, लेकिन औरंगजेब ने साजिश करके युद्ध में उनको परास्त कर दिया और मुगल सल्तनत पर कब्जा जमा लिया। उसके बाद की बातें इतिहास में दर्ज हैं। चूंकि दारा शुकोह बादशाह नहीं बन… Read More
दस दिनों तक चलने वाले इस प्रसिद्ध उत्सव की शुरुआत रविवार से हो गई है। इस बार फेस्टिवल में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध है। महोत्सव में नगा जनजाति की समृद्ध परंपरा और जीवंत संस्कृति को दर्शाया जाता है। महोत्सव का नाम हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर रखा गया है। इस पक्षी के पंख नगा समुदाय के द्वारा पहने… Read More
समावेशी समृद्धि (इन्क्लूसिव प्रोस्पेरिटी) इंडेक्स में 113 ग्लोबल शहरों की सूची में भारत के तीन शहरों बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई को जगह मिली है। सूची में आर्थिक विकास की रफ्तार ही नहीं, बल्कि आम आबादी तक आर्थिक विकास की पहुंच को भी ध्यान में रखा गया है। 113 ग्लोबल शहरों की सूची में बेंगलुरु को… Read More
- संयुक्त राष्ट्र संघ के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ‘यूनेस्को’ ने अपनी प्रतिष्ठित मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में कुम्भ के मेले को शामिल कर लिया है.
=>अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों के दायरे में क्या- क्या:-
- यूनेस्को के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों के दायरे में मौखिक… Read More
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हमारे राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे बड़ी लड़ाई थी अगस्त क्रांति (Quit India) और इस आंदोलन की विशेषताएं इसे आजादी की लड़ाई के दूसरे तमाम आंदोलनों से अलग करती हैं। अन्य आंदोलनों से इसके अलग कहने का मतलब किसी आंदोलन के अच्छे-बुरे की बात नहीं है, बल्कि इसकी अहमियत को बताना मकसद है।… Read More