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This is summery of economic survey Part 2
कृषि और खाद्य प्रबंधन
सुधारः कृषि कार्यों में विभिन्न जोखिमों को नियंत्रित करने से यह क्षेत्र लचीला, अधिक लाभदायक और किसानों के लिए स्थिर आमदनी प्रदान करने वाला बन सकता है। कृषि और संबंधित क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए निम्नलिखित सुधारों का सुझाव दिया गया है:-
- कृषि और संबंधित क्षेत्रों में मूल्य जोखिमों को दूर करने के लिए संपूर्ण मूल्य श्रृंखला सहित मार्केटिंग आधारभूत संरचना को बनाने और उसे मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
- उत्पादन जोखिमों को कम करने के लिए माइक्रो सिंचाई प्रणाली जैसी जल बचत सिंचाई प्रणाली बढ़ाकर सिंचित क्षेत्र में वृद्धि करनी चाहिए।
- फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए अच्छी गुणता, कृमि और रोग-प्रतिरोधी बीजों के लिए मानक निर्धारित करने और लागू किए जाने चाहिए।
- व्यापार और घरेलू नीति परिवर्तनों को फसल उगाने से काफी समय पूर्व घोषित किया जाना चाहिए तथा फसल आने और उन्हें खरीद पूरी होने तक लागू रखना चाहिए।
- डेरी परियोजनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु उपयुक्त तरीकों से उनके लिए राशि निर्धारित कर देनी चाहिए।
- संपूर्ण उन्नति के लिए छोटे और उपेक्षित किसानों को समय पर आसान एवं औपचारिक एवं संस्थागत ऋण प्रदान करना अति महत्वपूर्ण है।
- समय पर शासन की मध्यस्थता को अपनाने की आवश्यकता है।
उद्योग और आधारभूत संरचना by Economic Survey
- रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण और स्टेशनों पर खाली भवनों का व्यावसायिक उपयोग करना, बागवानी और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए रेल मार्गों के साथ भूमि को पट्टे पर देकर और विज्ञापन एवं पार्सल से धन अर्जित करने के साथ-साथ किराये से भिन्न संसाधनों की तलाश करनी चाहिए।
- पिछले कुछ वर्षों में कार्गो को संभालने में प्रमुख बंदरगाहों की तुलना में कम प्रमुख बंदरगाहों का हिस्सा अधिक रहा है। अतः कम प्रमुख बंदरगाहों को विकसित करने तथा उनकी दक्षता एवं संचालन क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय एयर लाइंस का हिस्सा बढ़ाने के लिए एयर इंडिया के निजीकरण/विनिवेश करने तथा विमानन केन्द्रों की स्थापना और 0/20 नियम पर पुनर्विचार करने जैसे कुछ सुधारात्मक सुझाव दिए गए हैं।
सामाजिक आधारभूत संरचना, रोजगार तथा मानव विकास by economic survey
- भारत ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है तथा दो अंकीय संतुलित वृद्धि की ओर अग्रसर है, अत: स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश के द्वारा बुनियादी सामाजिक ढ़ांचे को मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
- शिक्षा नीतियों को शिक्षण परिणामों और अंतरालों के साथ उपायकारी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, जो व्यय की तुलना में कार्य करे और अधिकतम दक्षता प्रदान करे। विद्यालयों और डीबीटी के लिए विद्यालय कर्मचारियों की जैव-मीट्रिक उपस्थिति, स्वतंत्र रूप से परीक्षा प्रश्न-पत्रों का निर्माण और तटस्थ परीक्षा प्रणाली की अपनाने की आवश्यकता है। योजनाओं/कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सुधार सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा और दक्षता गतिविधियां के लिए परिणामकारी उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
- श्रम बाजार व्यवस्था को ऊर्जावान और दक्ष बनाने के लिए सरकार ने वैधानिक एवं प्रौद्योगिकी रूप से भी कई सुधार/प्रयास आरंभ किए हैं जैसे विभिन्न कानून नियम, 2017 के अंतर्गत रजिस्टरों का सहजता से पालन करने की अधिसूचना जारी करना और ई-बिज पोर्टल बनाना। ये रजिस्टर/फार्म डिजिटल रूप में भी रखे जा सकते हैं।
- सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के माध्यम से अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री कौशल केंद्र योजना के अंतर्गत देश के प्रत्येक जिले में आदर्श कौशल केंद्रों (मॉडल स्किल सेंटर) की स्थापना की जा रही है। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता तथा प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा, प्रशिक्षण, पूर्व शिक्षण और अनुभवों के माध्यम से उन्नति के अवसर प्रदान करने के लिए दक्षता आधारित ढांचा बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए गुणवत्ता में सुधार, नैदानिक जांचों की दरों को मानक बनाने, वैकल्पिक स्वास्थ्य पद्धतियों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने तथा शल्यचिकित्सा और दवाइयों आदि के झूठे दावे के लिए चिकित्सालयों एवं निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर जुर्माना लगाने जैसे दंडात्मक उपायों के द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों ने संयुक्त प्रयास किए हैं। सभी व्यक्तियों को अधिक स्वास्थ्य सेवाएं समान रूप से उपलब्ध कराने के लिए सरकार को समाज के अपेक्षाकृत अधिक निर्धन वर्गों को स्वास्थ्य लाभ और जोखिम सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 बनाई है। जिसका उद्देश्य सभी विकासात्मक नीतियों में सुरक्षा और उन्नत स्वास्थ्य देखभाल नीति के माध्यम से उच्चतम स्वास्थ्य स्तर और कल्याण प्रदान करना है। आर्थिक कठिनाइयों के परिणामस्वरूप किसी को भी समस्या न हो और सभी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना भी इसका उद्देश्य है।
- आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनकी रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ सरकार द्वारा अत्याधिक संख्या में कमजोर श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्राथमिकता के आधार पर भी कदम उठाए जाने चाहिए
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