सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में आयोग से होगी नियुक्ति: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल मदरसा सेवा आयोग कानून को संवैधानिक ठहराते हुए कहा है कि यह कानून अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के अधिकारों का हनन नहीं करता। कोर्ट ने सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में आयोग द्वारा शिक्षकों का चयन और नामित किए जाने… Read More
रंगोली के जरिए लोकतांत्रिक विरोध की अनूठी शैली
इस नई सदी में पैदा व जवान हुई पीढ़ी और कॉलेज छात्रों की सक्रिय भागीदारी ने इन विरोध प्रदर्शनों को रचनात्मक और जीवंत बनाया है। चुटीले मीम्स, पोस्टरों, नारों और तीखे संदेशों ने युवा पीढ़ी की नाराजगी को काफी प्रभावी तरीके से अभिव्यक्त किया है। उस दौर में… Read More
बहु-संस्कृतिवाद को उभरते उप-राष्ट्रवाद से गंभीर खतरा
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर मचा घमासान इस बात की तरफ स्पष्ट इशारा करता है कि सरकार लंबे समय से चली आ रही देश की बहु-संस्कृतिवाद की परंपरा के प्रति गंभीर नहीं है। देश को 'मुस्लिम मुक्त' बनाने की प्रधानमंत्री… Read More
धर्मनिरपेक्षता की उद्घोषणा पहली बार भारत की सड़कों पर नारों के रूप में गूंज रही है
भारत के इतिहास में पहली बार धर्मनिरपेक्षता शिखर से उद्घोषित नारों तथा नेताओं और बुद्धिजीवियों की चिंताओं के दायरे से निकलकर सड़कों पर उतरे उन आम नागरिकों का युद्धघोष बन गई है जिन पर कि नरेंद्र मोदी सरकार के नागरिकता… Read More
जोतिबा और सावित्रीबाई फुले का संघर्ष भारतीय समाज के समावेशी होने की भी कहानी है
यह 1826 की बात है. उस साल महाराष्ट्र के एक ईसाई मिशनरी समूह ने अपने अमेरिकी बोर्ड से अनुरोध किया कि वे किसी अविवाहित और अकेली अमेरिकी महिला को बॉम्बे भेजें, ताकि वहां लड़कियों के लिए एक स्कूल चलाया जा सके. थोड़ी हिचक… Read More
क्यों सबसे अलग है यह नई पीढ़ी
आम तौर पर अलग-अलग पीढ़ियों को संबोधित करने के लिए अलग-अलग नामों का उपयोग होता आया है, जैसे बेबी बूमर्स, जेन एक्स, जेन वाय इत्यादि। हालांकि इन संबोधनों को वैश्विक स्तर पर लागू करने का अर्थ नहीं है। हर देश और संस्कृति का अपना संदर्भ होता है। पश्चिम में विकसित किसी… Read More