किसी समस्या के समाधान के लिए पहले हमें उसे स्वीकार करना पड़ता है। लेकिन मैड्रिड जलवायु सम्मेलन में चर्चा के लिए जुटे तमाम वार्ताकार ऐसा करने में नाकाम रहे। पिछले किसी भी वार्षिक जलवायु सम्मेलन से अधिक समय तक चलने के बावजूद मैड्रिड सम्मेलन किसी समझौते के बगैर ही समाप्त हो गया। पेरिस समझौता असल में… Read More
छत्तीसगढ़ में एक करोड़ ‘उजाला’ से हर वर्ष 557 करोड़ रुपये की बचत
उजाला योजना के तहत राज्य में करीब चार वर्ष एक करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब आदि का वितरण किया जा चुका है। इससे करीब इससे व्यस्त समय (पीक ऑवर) में लगभग 279 मेगावॉट बिजली की बचत हो रही है।
पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम : एलईडी वितरण के… Read More
स्कूलों में कृषि की पाठशाला शुरू करने के अर्थ
पाठ्यक्रम में पेड़-पौधों की जानकारी देने से ज्यादा अच्छा है कि बच्चों को इसका व्यावहारिक ज्ञान दिया जाए।.
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा है कि बच्चों को जलवायु और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए सरकार की ओर… Read More
पहली बार सीसीपीआइ में शीर्ष दस देशों में भारत
भारत पहली बार इस वर्ष के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआइ) में शीर्ष दस देशों में शामिल हुआ है। यह भारत के कार्बन उत्सर्जन से उबरने के लिए किए गए भगीरथ प्रयासों का ही नतीजा है। वहीं अमेरिका सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में पहली बार… Read More
नैनीताल में संरक्षण सेंटर बनाकर वन विभाग ने काई की प्रजातियों पर रिसर्च की शुरुआत की है। सबसे पुरानी वनस्पतियों में शामिल इस प्रजाति को आमतौर पर बेकार समझा जाता है, लेकिन पारिस्थितिकीय तंत्र में इसका खासा महत्व है। प्रदूषण का सबसे बड़ा इंडिकेटर मानी जानी वाली काई में एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरिया… Read More
कॉप-25जलवायु सम्मेलन
क्या क्योटो प्रोटोकाल खत्म होने के साथ ही कार्बन क्रेडिट की खरीद-फरोख्त का बाजार बंद हो जाएगा या फिर मैड्रिड जलवायु वार्ता में इसे आगे जारी रखने या फिर कोई नया तंत्र स्थापित करने पर सहमति बनेगी। यह प्रश्न भारत समेत कई देश उठा रहे हैं।
नतीजा यह है कि भारत की दर्जनों कंपनियों… Read More
जलवायु परिवर्तन से सिकुड़ रहा है पक्षियों का आकार
लगातार गर्म होती जलवायु के कारण कई पक्षियों को आकार तो सिकुड़ रहा है, लेकिन इनके पंखों का फैलाव ज्यादा होने लगा है। जलवायु परिवर्तन के खतरों का आकलन करने वाले एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।
अमेरिका की मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं… Read More
आखिर किसके हवाले किए जाएंगे हमारे जंगल?
भारतीय वन अधिनियम 1927 में संशोधन प्रस्तावित है। तो क्या हम यह मान सकते हैं कि भारतीय वन क्षेत्र अत्यंत आवश्यक सुधारों के लिए खड़ा हो रहा है? दुर्भाग्य से ये सुधार सही प्रकार के नहीं हैं। वन क्षेत्र 1990 के दशक से ही विक्षोभ का शिकार है। सुधार के हालिया… Read More